महाराष्ट्र के कई जिलों में लगातार हो रही भारी बारिश ने हालात को भयावह बना दिया है। राज्य मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए पालघर और छत्रपती संभाजीनगर जिलों में आज के लिए विद्यालय-महाविद्यालय बंद रहने की घोषणा की है।
पिछले कई दिनों से हो रही झमाझम बारिश ने नदियों और नालों के जलस्तर को ऊपर धकेल दिया है। कई स्थानों पर नाले उफान पर हैं और सड़कों पर जलभराव की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में प्रशासन ने जन-जीवन की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया है।
किन जिलों में स्कूल बंदी / अलर्ट जारी किया गया
पालघर एवं छत्रपती संभाजीनगर मुख्य रूप से ऐसे जिले हैं जहां सभी शैक्षिक संस्थानों को आज की छुट्टी घोषित की गई है। इसके अलावा पुणे, रायगड, ठाणे, मुंबइ-मुंबई उपनगर और नाशिक जिलों को भी ऑरेंज अलर्ट के दायरे में रखा गया है। इन जिलों में मौसम विभाग ने तुफान या तेज बारिश की संभावना जताई है।
राज्य शिक्षा विभाग ने कहा है कि छात्रों को घरों से निकलने में परेशानी न हो, इसलिए शिक्षण कार्य स्थगित रखा जाए।
जल विभर्ग व बाढ़ नियंत्रण की चुनौतियाँ
जायकवाडी बांध में किए गए विसर्जन के कारण जालना जिले में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया। 10,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है। इन्हें जिला परिषद स्कूलों और सामुदायिक केंद्रों में आश्रय प्रदान किया गया है।
प्रशासन ने चारा एवं पशु-उपचार का विशेष इंतजाम किया है ताकि पशुधन भी प्रभावित न हों।
आगे की संभावना और सलाह
मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले 24 घंटे में भी कई जिलों में बारिश जारी रह सकती है। इसलिए यात्रा, सड़क उपयोग और बाहरी गतिविधियों के लिए विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
क्या करना चाहिए — सुझाव
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विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को चाहिए कि वे मौसम अपडेट नियमित रूप से देखें।
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यदि जनहित में, स्कूल या कॉलेज बंदी की सूचना मिले, उसी के अनुरूप योजना बनाएं।
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यदि किसी क्षेत्र में जलभराव या तटबंध टूटने की खबर हो, तुरंत अधिकारियों से संपर्क करें।
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सुरक्षित स्थानों का पता रखें, और पेड़ों के नीचे या ऊँचे स्थानों से दूरी बरतें।
इस प्रकार, महाराष्ट्र में इन बदलती मौसम की चुनौतियों ने शिक्षा व्यवस्था और जनजीवन दोनों पर दबाव डाला है। प्रशासन, शिक्षा विभाग और नागरिकों को मिलकर सतर्क रहने की ज़रूरत है ताकि किसी बड़े आपदा की स्थिति से बचा जा सके।