देश के अनेक भागों में छुट्टियों के मौसम की शुरुआत हो चुकी है, और उत्तर प्रदेश की सरकार ने इसे और भी सुहावना बना दिया है — 30 सितंबर, 1 और 2 अक्टूबर को स्कूल बंद रहेंगे। इस तीन दिवसीय छुट्टी घोषणा ने न केवल छात्रों में खुशी की लहर फैलाई है, बल्कि अभिभावकों और शिक्षकों की तैयारियों को भी गति दी है।
छुट्टी का संकेत और कारण
मुख्यतः, 1 और 2 अक्टूबर को दशहरा (दशहरा उत्सव) के अवसर पर अवकाश घोषित किए गए थे। लेकिन कुछ जिलों — जैसे सिद्धार्थनगर और लखीमपुर खीरी — ने 30 सितंबर को भी स्थानीय अवकाश घोषित कर दिया है। इस तरह, ये जिले तीन दिन की लगातार छुट्टी का लाभ उठा सकेंगे। उत्तरी भारत में त्योहारों का सिलसिला अक्टूबर में सबसे ऊँचे स्तर पर पहुँचता है। स्कूलों और शैक्षिक संस्थानों को छुट्टियों के बीच तालमेल बैठाना चाहिए — ताकि बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों को समय मिल सके त्योहारों की तैयारी के लिए।
किन जिलों/स्थान पर 30 सितंबर को छुट्टी?
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद् के निर्देशों के अनुसार, अधिकांश जिलों में तो केवल 1 और 2 अक्टूबर को सार्वजनिक अवकाश रहेगा। लेकिन सिद्धार्थनगर और लखीमपुर खीरी में 30 सितंबर को भी छुट्टी की घोषणा की गई है। इस निर्णय का उद्देश्य स्थानीय सांस्कृतिक और त्योहारों से जुड़ी मांगों को ध्यान में रखना बताया गया है।
पूरे महीने में छुट्टियों की संख्या
अक्टूबर में बच्चों को सिर्फ तीन दिन नहीं मिलेंगे — बल्कि कई त्योहारों और सार्वजनिक छुट्टियों की वजह से स्कूल बंद रहने वाले दिनों की संख्या बढ़ जाएगी।
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7 अक्टूबर को महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर अवकाश
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20 से 23 अक्टूबर तक दिवाली की चार दिवसीय छुट्टी
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27–28 अक्टूबर को छठ पूजा के उपलक्ष्य में छुट्टी
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इसके अलावा महीने में रविवार छुट्टियाँ भी शामिल हैं
इस तरह, कुल मिलाकर अक्टूबर माह में लगभग 10–12 दिन स्कूल बंद रहने की संभावना बनती है।
छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के लिए सुझाव
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स्कूल से कन्फर्म करें: स्थानीय स्कूल या शिक्षा बोर्ड से अवकाश स्वीकृति की पुष्टि करना ज़रूरी है, क्योंकि कुछ निजी संस्थान अलग कार्यक्रम अपना सकती हैं।
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पाठ्यक्रम तालिका से तालमेल: छात्रों को इन तीन दिनों की छुट्टी के बाद पढ़ाई का खाका तैयार करना चाहिए ताकि पिछड़ना न पड़े।
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त्योहार की तैयारी समय दें: यह समय पूजा-पाठ, यात्रा और परिवार के साथ समय बिताने का उत्तम अवसर है।
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साझा योजना बनाएं: अभिभावक और शिक्षक मिलकर यह तय कर सकते हैं कि छुट्टी के बाद पाठ्यक्रम को कैसे गति दी जाए।
30 सितंबर से शुरू होने वाली इस तीन दिवसीय छुट्टी ने छात्रों को उत्साह दिया है। त्योहारों की हलचल व उत्तरी भारत में उत्सव की परंपराएँ इसे और खास बनाती हैं। सही योजना और तैयारी से यह अवकाश न केवल मनोरंजन का अवसर बनेगा, बल्कि उत्साह के साथ बाद की पढ़ाई में भी नकारात्मक प्रभाव नहीं डालेगा। अगर आप चाहें, तो मैं आपके जिले आधारित छुट्टियों का विस्तृत कैलेंडर भी तैयार कर सकता हूँ, ताकि आप बेहतर तैयारी कर सकें — चाहेंगे मैं वो तैयार कर दूँ?