देशभर के कई राज्यों में हाल ही में स्कूल और कॉलेजों को लगातार तीन दिन बंद रखने का निर्णय लिया गया है, जिससे छात्रों और अभिभावकों में उत्साह और चर्चा दोनों बढ़ गई है। इस लेख में हम जानेंगे किन राज्यों में छुट्टियाँ घोषित हुई हैं, किन कारणों से यह कदम उठाया गया और इसे लेकर आम लोगों की प्रतिक्रियाएँ क्या हैं।
छुट्टियों का कारण और समय
यह निर्णय नवरात्रि और दशहरा जैसे बड़े त्योहारों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। त्योहारों की तैयारियों, पूजा-पाठ एवं पारंपरिक कार्यक्रमों को समय देने के लिए कई राज्यों ने स्कूलों और सरकारी दफ्तरों में छुट्टी की घोषणा की है।
उदाहरण के लिए:
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राजस्थान में सितंबर और अक्टूबर के महीनों में विशेष कार्यक्रमों और अवकाशों की भरमार है। 26-27 सितंबर को शैक्षिक सम्मेलन के चलते स्कूल बंद थे, 28 सितंबर रविवार था। अब अगले तीन दिनों — 30 सितंबर, 1-2 अक्टूबर — स्कूल-कॉलेज बंद रहने की स्थिति बनेगी।
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पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा के चलते स्कूल 6 अक्टूबर तक बंद रहेंगे।
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दिल्ली में शिक्षा निदेशालय ने 29 सितंबर से 1 अक्टूबर तक छुट्टियाँ घोषित की हैं।
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बिहार, झारखंड, ओडिशा जैसे राज्यों में भी दशहरा एवं अन्य सार्वजनिक छुट्टियाँ कारण स्कूल बंद रहने की घोषणाएँ जारी की गई हैं।
छात्रों और अभिभावकों की प्रतिक्रिया
कई छात्र इस घोषणा से खुश हैं — उन्हें तीन दिन अतिरिक्त मौज-मस्ती, अध्यात्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने या परिवार के साथ समय बिताने का अवसर मिलेगा।
वहींकुछ अभिभावकों का कहना है कि इतने लंबे अवकाश से पढ़ाई का अंतर हो सकता है — विशेष रूप से परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए।
स्कूल प्रशासन और शिक्षक भी इस निर्णय को लेकर सावधानी बरत रहे हैं। उन्हें इस बात का ख्याल रखना है कि छुट्टियों के बाद पाठ्यक्रम में देरी न हो और शिक्षक-छात्र का समय प्रबंधन बेहतर तरीके से हो सके।
क्या यह निर्णय देशभर में समान रूप से लागू है?
नहीं, यह निर्णय हर राज्य और ज़िले में एक समान नहीं है। कुछ राज्यों में छुट्टियाँ अधिक होंगी, कहीं कम। निजी स्कूलों ने अक्सर छुट्टियों की तारीखों में थोड़ी लचीलापन रखा है — वे अपने शेड्यूल और ज़मीनी परिस्थिति के अनुसार बदलाव कर सकते हैं।
यह भी देखा गया है कि सरकारी स्कूलों पर यह निर्णय ज़्यादा प्रभाव डालता है — क्योंकि उनका शेड्यूल और अवकाश नीति राज्य सरकारों द्वारा तय होती है।
आगामी टिप्स: छुट्टियों का सदुपयोग कैसे करें?
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पाठ्येतर गतिविधियाँ — सांस्कृतिक कार्यक्रम, यात्रा, पूजा-पाठ या कला गतिविधियों में भाग लें।
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रिवीजन समय — हल्की पढ़ाई या रिवीजन करने के लिए रोज़ाना समय निर्धारित करें ताकि आगे की कक्षाएँ सुचारु रूप से चल सकें।
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सेहत पर ध्यान — समय का सदुपयोग करते हुए आराम, व्यायाम और अच्छा आहार रखें।
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समय प्रबंधन — छुट्टियों की शुरुआत में ही योजनाएं बनाएं कि कौन-सा दिन क्या करना है — इस तरह काम अधूरे न रहेंगे।