त्रिपुरा सरकार ने इस पर्वोत्तर मौसम में अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक स्वागत योग्य घोषणा की है। विधानसभा के 13 वें सत्र के समापन पर मुख्यमंत्री माणिक साहा ने घोषणा की कि राज्य सरकार 1 अक्टूबर 2025 से महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) का स्तर 3 प्रतिशत बढ़ा दिया जाएगा। इस तरह का कदम न सिर्फ कर्मचारियों को वित्तीय राहत देगा, बल्कि आगामी दुर्गा पूजा पर्व को आर्थिक दृष्टि से भी आसान बनाएगा।
DA Hike 3%
कौन-कौन लाभान्वित होंगे?
इस वृद्धि से लगभग 1,05,000 कर्मचारियों और 84,000 पेंशन भोगियों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बढ़ोतरी राज्य कोष को अतिरिक्त बोझ देगी, लेकिन इसे कर्मचारियों की भलाई और पर्वों की ख़ुशी के मद्देनज़र अनिवार्य माना गया।
क्यों यह फैसला खास है?
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समय की संवेदनशीलता: यह बढ़ोतरी दुर्गा पूजा के ठीक पहले की गई है, जिससे कर्मचारियों को त्योहार के खर्चों की चिंता कम होगी।
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राज्य बनाम केन्द्र की तालमेल: राज्य की DA/DR वृद्धि आमतौर पर केन्द्र के पैरोकारों और कर्मचारियों की मांगों के अनुरूप नहीं होती। इस निर्णय से यह संदेश जाता है कि राज्य अपनी सीमा तक कर्मचारियों का साथ देने को तैयार है।
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आर्थिक दबाव और सरकार की जिम्मेदारी: यह कदम राज्य वित्त पर दबाव डालता है, लेकिन सरकार ने कहा है कि वह इस बोझ को संभालने को तैयार है, क्योंकि कर्मचारियों की भलाई उसकी प्राथमिकता है।
लागू कैसे होगा?
क्रियान्वयन की तिथि 1 अक्टूबर 2025 रखी गई है। इससे पहले मार्च में भी त्रिपुरा ने DA/DR वृद्धि की थी। इस नए 3% कदम के बाद राज्य कर्मचारियों की कुल DA दर में और वृद्धि होगी।
इसके अलावा, सरकार ने कहा है कि इस कार्रवाई के लिए कोष में लगभग 125 करोड़ का अतिरिक्त व्यय किया जाएगा।
केंद्रीय सरकार और अन्य राज्यों की स्थिति
इस बीच, केंद्र सरकार और अन्य राज्य भी महंगाई भत्ता बढ़ाने की प्रक्रिया में हैं। केंद्र में DA/DR वृद्धि की मांगें लगातार उठ रही हैं।
चूंकि संकटग्रस्त महंगाई का दबाव पूरे देश में महसूस हो रहा है, कर्मचारी संघ और पेंशनर्स लगातार केंद्रीय और राज्य सरकारों पर दबाव बना रहे हैं कि वे समय रहते राहत दें।
संभावित चुनौतियाँ और जनता की प्रतिक्रिया
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इस तरह की बढ़ोतरी राज्य राजस्व पर दबाव बढ़ाती है, खासकर तब जब सरकार की आय सीमित हो।
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कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को उम्मीद होगी कि इस बढ़ोतरी के बाद भी अन्य लंबित भत्ते और वेतन सुधार योजनाओं पर ध्यान दिया जाए।
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जनता आमतौर पर इस तरह की घोषणाओं को सकारात्मक रूप में लेती है, खासकर त्योहारों के समय में।